नई दिल्ली ।  राजधानी दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान  न केवल विभिन्न रोगों के मरीजों के उपचार में अग्रणी और अहम भूमिका निभा रहा है, बल्कि इससे एक कदम आगे बढ़ते हुए लोगों को एक नई पहचान देने का भी काम कर रहा है। इसी कड़ी में एम्स ने ट्रांसजेंडर समुदाय  की सुविधा के लिए एक अनोखी पहल की है। इसके तहत 27 नवंबर से एडवांस जेंडर एफर्मेटिव केयर वर्कशॉप शुरू किया गया जिसमें बुधवार को सेक्स चेंज सर्जरी का लाइव टेलीकास्ट किया गया। इस लाइव सेक्स चेंज सर्जरी से अनभिज्ञ देश-विदेश के सर्जनों ने भारतीय चिकित्सा विशेषज्ञों के ज्ञान का लाभ उठाया। इस चार दिवसीय वर्कशॉप से ट्रांसजेंडर समुदाय को सेक्स चेंज सर्जरी से संबंधित कई विकल्प मिल सकेंगे।  एम्स के बर्न्स एंड प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो मनीष सिंघल ने बताया कि ट्रांसजेंडरों की सेक्स चेंज सर्जरी में अमेरिकी डॉक्टरों के सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने भी भाग लिया। उन्होंने बताया कि ट्रांसजेंडर समुदाय की समस्याओं और स्वास्थ्य पर चर्चा के लिए लाइव सर्जरी से पहले यानी मंगलवार को एसोसिएशन फॉर ट्रांसजेंडर हेल्थ इन इंडिया और प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय संगठन वर्ल्ड प्रोफेशनल एसोसिएशन फॉर ट्रांसजेंडर हेल्थ के सहयोग से एक वर्कशॉप का आयोजन किया गया। इसमें वैश्विक और भारतीय सर्जिकल विशेषज्ञता के बीच सहयोग के साथ ट्रांसजेंडर स्वास्थ्य में सर्जिकल देखभाल को आगे बढ़ाने की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला गया। डॉ. सिंघल ने कहा कि एक अनुमान के मुताबिक इस वक़्त दुनिया में ट्रांसजेंडरों की आबादी 3 प्रतिशत है। अगर इसे आधिकारिक तौर पर एक प्रतिशत भी माना जाए तो भारत में 18 वर्ष से अधिक आयु वाले ट्रांसजेंडर की संख्या लगभग एक करोड़ होगी। इन लोगों के सामने पहचान का जो संकट है, वह हार्मोन ट्रीटमेंट थरेपी, फेसियल हेयर रिमूवल और सेक्स चेंज सर्जरी के माध्यम से दूर किया जा सकता है। इन्हीं सब प्रक्रियाओं को लेकर वर्कशॉप में गहन परिचर्चा की जा रही है जिसका समापन दो दिवसीय लाइव सर्जरी के साथ गुरुवार को किया जाएगा।